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501. सोनीपत पर जत्थेदार बन्दा सिंघ बहादुर जी की विजय से होने से कौन सर्तक और चिन्तित हो गया ?

  • सरहिन्द का सूबेदार वजीर खान

502. सरहिन्द के सूबेदार "वजीर खान" ने किसे आदेश दिया कि वह पँजाब के माँझा क्षेत्र के सिक्खों को बन्दा सिंघ की सेना के पास न जाने दे और उन्हें सतलुज नदी पर ही रोके रखे ?

  • मलेरकोटला के नवाब शेर खान को

503. जत्थेदार बंदा सिंघ ने सोनीपत के बाद किस नगर पर आक्रमण किया ?

  • समाणा

504. समाणा पर आक्रमण करने का मुख्य कारण क्या था ?

  • श्री गुरू तेग बहादुर जी साहिब को शहीद करने वाला जल्लाद जलालुद्दीन और छोटे साहिबजादों को शहीद करने वाले जल्लाद शाशल बेग और बाशल बेग यहीं पर रहते थे।

505. बाबा बन्दा सिंघ जी किसी भी नगर पर हमला करने से पहले अपनी सेना को क्या समझाते थे ?

  • हमने किसी निर्दोष को पीड़ित नहीं करना और ना ही किसी महिला का अपमान करना है।

506. बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी को यह किसने कहा था कि– "गरीब के लिए तुम रक्षक बनोगें और दुष्टों के लिए महाकाल" ?

  • श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने

507. बाबा बन्दा सिंघ जी ने समाणा का फौजदार किये नियुक्त किया ?

  • सहासी वीर फतेह सिंह जी को

508. समाणा नगर की विजय से जत्थेदार बंदा सिंह को क्या राजनैतिक लाभ हुए ?

  • 1. सिक्ख सेना की चारों ओर धाक जम गई, जिसको सुनकर सभी नानक पँथी सिंघ सजकर, केशधारी रूप धारण करके खालसा फौज में भर्ती हो गये। जिससे बंदा सिंह के नेतृत्व में विशाल सिक्ख सेना पुनः-सँगठित हो गई।

  • 2. मुग़ल सेना के हौसले पस्त हो गये। वह जत्थेदार बंदा सिंह के नाम से भय खाने लगे। उन का विचार था कि बंदा सिंह कोई चमत्कारी शक्ति का स्वामी है जिसके सामने टिक पाना सम्भव नहीं।

509. समाणा की पराजय सुनकर "राजपूताने से सम्राट बहादुर शाह" ने किसे आदेश भेजा की वह बंदा सिंह को परास्त करे और उसकी सहायता के लिए दिल्ली व लाहौर से सेनाएँ भेजी गईं ?

  • सरहिन्द के सूबेदार वजीर खान को

510. बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी ने सरहन्द के सूबेदार वजीर खान को क्या सन्देश भेजा, जिससे उसकी रातों की नींद हराम हो गई ?

  • हम अपने गुरू के बेटों कि हत्या का प्रतिशोध लेने आ रहे है। वह समय रहते अपनी सुरक्षा का प्रबन्ध कर लें।

511. समाणा पर विजय के बाद बन्दा सिंघ बहादुर जी ने किस कस्बे पर हमला किया, जो एक छावनी थी ?

  • धूड़ाम

512. जब बाबा बन्दा सिंघ की फौजों द्वारा धुड़ाम को घेरा डाला गया, तब किस प्रकार का युद्व हुआ ?

  • घुड़ाम का फौजदार पराजय मानने वालों में से नहीं था, उसने चुनौती को स्वीकार किया और भयँकर युद्ध हुआ। दोनो पक्षों को भारी क्षती उठानी पड़ी किन्तु बंदा सिंह के विशाल सैन्यबल के सामने एक घड़ी भी टिक न सके और भाग निकले। दल खालसा ने उनकी खूब धुनाई की।

513. बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी ने धुड़ाम पर विजय हासिल करने के बाद किसे विजय करने का कार्यक्रम बनाया ?

  • ठसके को

514. ठसके के बाद अब बारी थी थानेश्वर की किन्तु बंदा सिंह बहादर जी ने थानेश्वर पर आक्रमण का कार्यक्रम स्थगित क्यों कर दिया ?

  • बंदा सिंह किसी भी तीर्थ स्थल का अपमान नहीं करना चाहता था। वह बहुत धार्मिक प्रवृति रखता था अतः थानेश्वर पर आक्रमण का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।

515. बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी का शाहबाद पर बिना युद्ध किये किस प्रकार नियँत्रण हो गया ?

  • स्थानीय फौजदार बंदा सिंह के आगमन की बात सुनकर काँपने लगा। उसे समाणे की दुर्दशा का विवरण मिल चुका था। वह सपरिवार दिल्ली भाग गया। बंदा सिंह के दल खालसा के सामने स्थानीय फौजियों ने सफेद झँडा लहरा दिया। अब रक्तपात का प्रश्न ही नहीं उठता था। बंदा सिंह ने सभी को विश्वास में लिया और यहीं से धन सम्पदा और सैन्य सामाग्री की आपूर्ति की।

516. शाहबाद में "बाबा बन्दा सिंघ बहादर जी" को कुन्जपुरा के बारे में क्या जानकारी प्राप्त हुई ?

  • कुन्जपुरा नामक स्थान वज़ीर खान का पुश्तैनी गाँव है।

517. वजीर खान को भी अनुमान था कि बढ़ते हुए "खालसा दल" का अगला लक्ष्य मेरा पुश्तेनी गाँव कुन्जपुरा ही होगा। अतः उसने उसकी सुरक्षा के लिए दो हजार घुड़सवार और चार हजार प्यादे और दो बडी तोपे क्यो भेजी ?

  • वह यहीं सिक्खों की शक्ति की परीक्षा लेना चाहता था। किन्तु शाही सेना के वहाँ पहुँचने से पूर्व ही दल खालसा ने कुन्जपुरा को रौंद डाला। जब शाही सेना पहुँची तो घमासान युद्ध हुआ। दल खालसा ने अपनी सँख्या के बल पर तोपों पर नियन्त्रण कर लिया और शाही सेना को मार भगाया। इस भगदड़ में मुग़ल सेना बहुत सी रण सामग्री और घोडे इत्यादि पीछे छोड़ गई। इस युद्ध में सिक्खों के हाथ मुस्तफाबाद का क्षेत्र आ गया, यह स्थान जगाधरी के निकट है।

518. कपूरी क्षेत्र के निवासियों ने बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी से क्या विनती की और बाबा जी ने उनकी किस प्रकार से सहायता की ?

  • जब कपूरी क्षेत्र के निवासी बंदा सिंह के दरबार मे उपस्थित हुए और फरियाद करने लगे कि कपूरी का हाकिम कदमुद्दीन बहुत अययाशी प्रवृति का है, वह हिन्दू बहु-बेटियों का सदैव सतीत्व भँग करता रहता है। बस फिर क्या था, जत्थेदार बंदा सिंह जी ने कदमुद्दीन को सीख देने का कार्यक्रम बना डाला। दूसरी सुबह दल खालसा कपूरी पर नियन्त्रण करने में सफल हो गया और उन्होंने हाकिम कदमुद्दीन को उसकी हवेली में ही भस्म कर दिया।

519. बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी ने "सढौरा" नगर पर किस प्रकार "नियँत्रण" किया ?

  • दल खालसे का अगला लक्ष्य सढौरा नगर था। यहाँ के हाकिम उस्मान खान ने पीर बुद्धु शाह जी (सैयद बदरूद्दीन जी) की हत्या करवा दी थी क्योंकि पीर जी ने भँगाणी क्षेत्र के युद्ध में साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी का पक्ष लिया था। इसलिए बन्दा सिंघ जी ने पीर बुद्धु शाह के उत्तराधिकारी को सँदेश भेजा कि वह दल खालसा की सहायता और मार्गदर्शन के लिए तैयार रहें। जैसे ही दल खालसा सढौरा नगर के निकट पहुँचा। शत्रु ने नगर के दरवाजे बन्द कर लिए और उनके उपर से तोपों से दल खालसे पर गोले दागनें शुरू कर दिये। भयँकर परिस्थिति थी। परन्तु दल खालसा शहीदी पोशाक पहन कर आया था। उन्होंने कुर्बानियाँ देते हुए नगर का दरवाजा तोड़ डाला और नगर के अन्दर घुसने में सफल हो गये। अन्दर सैनिक तैयारियाँ बहुत बड़े पैमाने पर थीं। अतः भयँकर युद्ध हुआ किन्तु पीर जी के मुरीदों की सहायता मिल गई फिर क्या था, कुछ घण्टों के भीतर ही सढौरा नगर पर खालसे का नियन्त्रण हो गया।

520. बाबा बन्दा सिंघ जी की फौज में शामिल होने आ रहे, पँजाब के माझा क्षेत्र के सिंघो से किसका युद्ध हुआ ?

  • शेर खान का, लेकिन मैदान सिंघों के हाथ लगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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