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521. सरहन्द के सुबेदार वजीर खान की क्या तैयारी थी ?

  • 1. दिल्ली व लाहौर से कुमक मँगवाई।

  • 2. नई भर्ती खोल दी गई।

  • 3. अपने सज्जन, मित्र राजवाडों को सहायता के लिए बुला लिया।

  • 4. जहाद का नारा लगाकर ग़ाजीओ के झुरमट इक्टठे कर लिए।

  • 5. गोला-बारूद से गोदाम भर लिए।

  • 6. अनगनित तोप और हाथी इकट्ठे कर लिये गये।

  • 7. लड़ाकों की सँख्या एक लाख के करीब कर ली।

522. वजीर खान ने किसे एक हजार हिन्दू सैनिक देकर बंदा सिंह के पास भेजा और उसे छलकपट करने का अभिनय करने को कहा, कि वह मुगलों के अत्याचारों से पीड़ित है अतः वह वहाँ से भागकर आप की शरण में आया है ?

  • सुच्चानँद के भतीजे को

523. सुच्चानँद के भतीजे को 1000 हिन्दु सैनिक, बाबा बन्दा सिंघ जी की फौज में भेजने के पिछे, वजीर खान की क्या योजना थी ?

  • योजना यह थी कि जैसे ही सुच्चानन्द का भतीजा उनका विश्वास पात्र बन जायेगां ठीक युद्ध के समय, गर्म रणक्षेत्र से उसकी सेना भागकर वापस शाही सेना में आ मिलेगी और दल खालसा के भेद बतायेगी। इस प्रकार उन पर विजय प्राप्त करना सहज हो जायेगा।

524. दल खालसा का योजनाबद्ध कार्यक्रम क्या था ?

  • दल खालसा ने सेना भर्ती अभियान चलाया आसपास के लोग गुरू साहिब जी के हुक्मनामों के कारण और बंदा सिंह के चुम्बकीय आकर्षण के कारण, गुरूदेव के बच्चों का बदला लेने के विचार से दल खालसा के नायक बंदा सिंह के नेतृत्व मे इकट्ठे हो गये। कुछ ही दिनों में बंदा सिंह के जवानों की सँख्या चालिस हजार से सत्तर हजार हो गई।

525. छप्पड़ चीरी के ऐतिहासिक युद्ध में बाबा बन्दा सिंघ जी ने क्या रणनीति तैयार की ?

  • 1. अपने सहायक फतेह सिंह, कर्म सिंह, धर्म सिंह और आली सिंह को मालवा क्षेत्र की सेना को विभाजित करके उपसेना नायक बनाया।

  • 2. माझ क्षेत्र की सेना को विनोद सिंह और बाज सिंह की अध्यक्ष्ता में मोर्चाबंदी करवा दी।

  • 3. एक विशेष सैनिक टुकड़ी, पलटन अपने पास सँकटकाल के लिए इन्दर सिंह की अध्यक्षता मे सुरक्षित रख ली

  • 4. स्वयँ एक टीले, टेकरी पर विराजकर युद्ध को प्रत्यक्ष दूरबीन से देखकर उचित निर्णय लेकर आदेश देने लगे।

526. सुच्चानँद के भतीजे गँडामल के एक हज़ार जवानों को कहाँ रखा गया ?

  • युद्ध क्षेत्र में सबसे पिछे

527. युद्ध में बार बार स्थिति पलटने पर बाबा बन्दा सिंघ जी ने क्या निर्णय लिया ?

  • इस बार बंदा सिंह स्वयँ उठा और शेष सँकट कालीन सेना लेकर युद्ध भूमि मे उतर गया। उसे देखकर दल खालसा में नई स्फूर्ति आ गई। फिर से घमासान युद्ध होने लगा।

528. युद्ध में वजीर खान के हाथी को किसने घेर लिया ?

  • उपनायक बाज सिंह व फतेह सिंह ने

529. युद्ध का परिणाम आखरी दाव में छिपा हुआ है, अतः दोनों ओर के सैनिक कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। सभी सैनिक एक-दूसरे से गुथम-गुथा होकर विजयी होने की चाहत रखते थे। ऐसे में बंदा सिंह ने अपने गुरूदेव श्री गुरू गोबिंद सिंह जी द्वारा प्रदान वह बाण निकाला जो उसे सँकटकाल सें प्रयोग करने के लिए दिया गया था। गुरूदेव जी ने उसे बताया था, वह बाण आत्मबल का प्रतीक है। इसके प्रयोग पर समस्त अदृश्य शक्तियाँ तुम्हारी सहायता करेंगी, इसका क्या परिणाम रहा ?

  • देखते ही देखते वजीर खान मारा गया और शत्रु सेना के कुछ ही क्षणों में पैर उखड़ गये और वे भागने लगे। इस समय का सिंघों ने भरपूर लाभ उठाया, उन्होंने तुरन्त मलेरकोटला के नवाब शेर मुहम्मद खान तथा ख्वाजा अली को घेर लिया वे अकेले पड़ गये थे। उनकी सेना भागने में ही अपना भला समझ रही थी। इन दोनों को भी बाज सिंह व फतेह सिंह ने रणभूमि में मुकाबले में मार गिराया। इनके मरते ही समस्त मुग़ल सेना जान बचाती हुई सरहिन्द की ओर भाग गई।

530. छप्पड़ चीरी के युद्ध की ऐतिहासिक विजय कब हुई ?

  • 12 मई सन 1710

531. सरहन्द, छप्पड़ चीड़ी से कितनी दूरी पर है ?

  • लगभग 20 मील

532. बाबा बन्दा सिंह बहादुर जी के दल खालसा की कितनी सँख्या थी ?

  • 70 हजार के लगभग

533. छप्पड़चीरी के युद्ध में कितने सिंघ शहीद हुए ?

  • लगभग 30 हजार

534. छप्पड़चीरी के युद्ध में कितने सिंघ धालय हुए ?

  • लगभग 20 हजार

535. छप्पड़चीरी के युद्ध में बाबा बन्दा सिंघ जी को दुशमनों की कितनी तोपें प्राप्त हुईं ?

  • 45 बडी तोपे, हाथी, घोड़े व बन्दूकें बडी सँख्या मे प्राप्त हुईं।

536. बाबा बन्दा सिंघ जी ने सरहँद पर कब आक्रमण किया ?

  • 14 मई सन 1710

537. सरहन्द नगर में प्रवेश करने पर सिंघों ने वजीर खान के शव के साथ क्या किया ?

  • सिंघों ने वजीर खान का शव सरहिन्द के किले के बाहर एक वृक्ष पर उल्टा लटका दिया, उसमें बदबू पड़ चुकी थी। अतः शव को पक्षी नौचने लगे।

538. बाबा बन्दा सिंघ जी ने अपनी राजधानी किसे बनाया ?

  • मुखलिस गढ़

539. मुखलिस गढ़ की गढ़ी का नाम बदलकर क्या रखा गया ?

  • लोहगढ़

540. मलेरकोटले पर नियन्त्रण हो जाने पर दल खालसा के नायक बंदा सिंह बहादुर को मालुम हुआ कि यहाँ के नवाब शेर मुहम्मद खान ने दिसम्बर 1704 की लड़ाई मे एक सिक्ख स्त्री को बन्दी बना लिया था। यह महिला श्री अनंदगढ़ साहिब जी खाली करते समय काफिले से बिछड़ गई थी। इस महिला ने अपना नारीत्व सुरक्षित रखने के लिए आत्महत्या कर ली थी। इस पर शेर मुहम्मद खान ने बदनामी के भय से उसका शव अपने महलों के पास ही दफन करवा दिया था। अतः बंदा सिंह ने उस सिक्ख स्त्री के कँकाल की खोज करवाई और उसका अन्तिम सँस्कार किया, वह कौन थी ?

  • श्रीमती अनूप कौर

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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