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621. अब्दुलसमद खान के अध्यादेशों का सिक्खों पर क्या असर पड़ा ?

  • लालची लोगों ने सिक्खों की ज़मीनें और उनकी सम्पत्ति हथियाने के विचार से हजारों दावे और मुकदमें स्थानीय फौजदारों के पास पेश कर दिये।

  • ऐसा कोई सिक्ख परिवार न बचा, जिस पर दो चार दावों का पर्चा दाखिल न किया गया हो।

  • अँधे प्रशासन ने झूठी गवाही के आधार पर सभी सिक्खों की खेतीबाड़ी जब्त कर ली और कोढ़ियों के भाव सम्पत्ति नीलाम कर दी।

  • मुआवजा पूरा न होने पर घर का सामान अथवा मवेशी छीन लिये। कई सिक्खों को झूठी हत्याओं के आरोप में बन्दी बना लिया।

622. अब्दुलसमद खान की कूटनीति का सिक्खों ने कैसे जबाब दिया ?

  • गोरिल्ला युद्ध द्वारा शाही फौज को इतना अधिक परेशान कर दिया और वह कभी भी जँगलों में से निकलकर शाही सेना को काटकर चले जाते। सरकारी खजाना खाली होने लगा, राज्य में अराजकता फैल गई, लगान नहीं मिलने से शासन व्यवस्था भँग हो गई।

623. अब्दुलसमद खान ने एक बार फिर अपनी कुटनीति द्वारा अध्यादेश जारी किया यानि कि फिर से थूक कर चाटा। इस बार उसकी कूटनीति क्या थी ?

  • उसने समस्त सिक्खों के विरूद्ध जारी अध्यादेश वापिस ले लिये और श्री अमृतसर में श्री दरबार साहिब जी के दर्शनों पर लगा प्रतिबन्ध भी हटा लिया और घोषणा कर दी कि साधारण सिक्ख नागरिक सामान्य रूप में खेती बाड़ी इत्यादि के कार्य करते हुए अभय होकर रह सकते हैं। यह मुगल सत्ताधरियों की बहुत बड़ी पराजय थी परन्तु अब बहुत देर हो चुकी थी। सिक्खों का मुगलों से विश्वास उठ गया था।

624. मुगल सम्राट मुहम्मदशाह ने पँजाब के राज्यपाल अब्दुलसमद खान को कमजोर प्रशासक जानकर स्थानाँतरित करके मुलतान प्रान्त में भेज दिया और उसके स्थान पर पँजाब का नया राज्यपाल उसी के पुत्र को नियुक्त किया। उसका नाम क्या था ?

  • जक्रिया खान

625. जक्रिया खान की पँजाब के राज्यपाल पद पर नियुक्ति कब हुई ?

  • सन 1726 में हुई। यह अपने पिता से कहीं कठोर और जालिम था।

626. भाई तारा सिंह 'वां' कौन थे ?

  • जिला अमृतसर तहसील तरनतारन के नौशहिरे क्षेत्र के गाँव 'वां' में भाई तारा सिंह जी निहंग रहते थे। उन्होंने अपना एक आश्रम बना रखा था, जहाँ वह यात्रियों की लँगर (निशुल्क भोजन) से निस्वार्थ सेवा करते थे।

627. भाई तारा सिंह जी का जन्म कब और किसके यहाँ हुआ था ?

  • सन् 1702 ईस्वी में श्री गुरदास सिंह जी के यहाँ हुआ।

628. भाई तारा सिंह जी का व्यक्तित्व किस प्रकार का था ?

  • उनका व्यक्तित्व मधुरभाषी, उज्ज्वल आचरण और मर्यादापालक था। वहीं आप एक योद्धा तथा विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र चलाने में निपुण और अच्छे घुड़सवार भी थे। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि वे गुरूबाणी के रसिया और भजनबँदगी में व्यस्त रहते थे। उनके आश्रम में सिक्खों का आवागमन सदैव बना रहता था।

629. भाई तारा सिंह वां' के लिए जकरिया खान ने कितनी सेना भेजी थी ?

  • 2000 सैनिकों की विशाल सेना

630. भाई तारा सिंह 'वां' के पास कुल कितने सिक्ख थे ?

  • एक आप और 21 अन्य सिक्ख यानि कुल 22

631. भाई तारा सिंह "वां" ने किस प्रकार शहीदी पाई ?

  • मोमन खान ने सारी फौज को सिंहों पर धावा बोलने का आदेश दिया। गोलियाँ समाप्त होने पर सिंह मोर्चा छोड़कर तलवारें लेकर रणक्षेत्र में कूद पड़े। सिंहों ने मरने-मारने का युद्ध किया। इस प्रकार भाई तारा सिंह जी ने अनेकों को सदा की नींद सुलाकर स्वयँ भी शहीदी प्राप्त की।

632. जब रणभूमि में सिक्खों के शवों की गिनती की गई तो वह केवल बाईस थे जबकि हमलावर पक्ष के लगभग कितने जवान मारे गये ?

  • लगभग सौ जवान मारे जा चुके थे और बड़ी सँख्या में घायल थे।

633. भाई तारा सिंह 'वां' जी की शहीदी का सिक्खों पर क्या असर पड़ा ?

  • सिक्खों में एक नई स्फूर्ति ने जन्म लिया।

  • प्रत्येक सिक्ख आत्मगौरव से जीने के लिए, अपने प्राणों की आहुति देने के लिए सदैव तत्पर दिखाई देने लगे।

  • गुप्तवास में जीवन व्यतीत कर रहे कई सिक्ख प्रत्यक्ष अस्त्र शस्त्र धारण करके छोटे छोटे दलों में विचरण करने लगे।

  • जो लोग समूहों में दूरदराज के क्षेत्रों में चले गये थे, वे लौट आये।

634. सिक्खों ने शाही खजाने किसके नेतृत्व में लूटे ?

  • जत्थेदार दरबारा सिंह

635. किसने हैदरी झण्डा लहराकर साम्प्रदायिक युद्ध का आह्वान किया ?

  • जकरिया खान

636. जकरिया खान ने कितने जेहादी इक्टठे कर लिये थे ?

  • लगभग 1 लाख

637. कुछ हजार सिक्खों ने किस प्रकार 1 लाख जेहादियों को धूल चटा दी ?

  • गोरिला युद्ध द्वारा सभी को मौत के घाट उतार दिया। जो सम्भल गया, वह सिर पर पैर रखकर लाहौर की तरफ भाग गया और जान बचा ले गया, वरना सिक्खों ने किसी को जीवित रहने नहीं दिया। इस लड़ाई के पश्चात् मुसलमानों के सिर से जहाद का भूत उतर गया और उन्होंने हैदरी ध्वज को आग लगाकर फिर कभी गाज़ी न बनने की कसम खाई।

638. पँजाब के राज्यपाल जक्रिया खान को कूटनीति के अन्तर्गत किसी भी विधी से सिक्खों को वश में करने का परामर्श किसने दिया ?

  • सम्राट मुहम्मद शाह रँगीला

639. जक्रिया खान ने किसे अपना "वकील" बनाकर "सिक्खों को एक संधि" का विशेष मसौदा भेजा ?

  • सरकारी ठेकेदार सरदार सुबेग सिंह जी

640. जक्रियाखान ने सिक्खों को संधि का जो विशेष मसौदा भेजा, वो क्या था ?

  • समस्त सिक्ख पँजाब में कहीं भी खुले रूप में विचरण करते हुए अपने गुरूधामों की देखरेख व सेवा सम्भाल कर सकेंगे।

  • उनके नेता को नवाब की उपाधि प्रदान की जायेगी।

  • इसके साथ दीयालपुर, कँगनवाल और मवाल क्षेत्र जिनकी आय एक लाख रूपये वार्षिक है, जागीर रूप में दिये जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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