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1261. राग कानड़ा की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1294 से 1318

1262. राग कानड़ा को किस समय गायन किया जाता है ?

  • रात्रि के दूसरे पहर

1263. राग कानड़ा में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू रामदास जी
    2. गुरू अरजन देव जी

1264. राग कलियान किस प्रकार का राग है ?

  • खुशी पैदा करने वाला राग

1265. राग कलियान की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1319 से 1326

1266. कलियान राग के गायन का समय क्या है ?

  • रात का पहला पहर

1267. श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी के राग भेद अनुसार राग कलियान का कौन सा एक राग भी है, जो कि राग कलियान से भिन्न एँव स्वतँत्र राग है ?

  • कलिआन भोपाली

1268. राग कलियान में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू रामदास जी
    2. गुरू अरजन देव जी

1269. श्री आदि ग्रँथ साहिब जी का आखिरी एवँ श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी का तीसवाँ राग कौन सा है ?

  • राग प्रभाती

1270. श्री आदि ग्रँथ साहिब जी का सम्पादन करते समय श्री गुरू अरजन देव जी ने राग प्रभाती को अन्त में क्यों रखा ?

  • गुरू साहिब ने सिरी राग को सबसे प्रथम स्थान दिया जो इस बात का प्रकटाव है कि जीवन का सफर अँधकार में आरम्भ होता है पर जैसे जैसे यह गुरबाणी से एकसुर होता है तो उसके जीवन की प्रभात चढ़ जाती है, इसीलिए गुरू अरजन पातशाह ने इस राग को अन्त में रखा।

1271. राग प्रभाती के गायन का क्या समय है ?

  • सुबह का पहला पहर

1272. राग प्रभाती की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1327 से 1351

1273. श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के राग भेद अनुसार राग प्रभाती के अन्य रूप कौन से हैं ?

  • 1. प्रभाती बिभास
    2. प्रभाती दखणी
    3. बिभास प्रभाती

1274. राग प्रभाती में किस किस गुरू साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. गुरू नानक देव जी
    2. गुरू अमरदास जी
    3. गुरू रामदास जी
    4. गुरू अरजन देव जी

1275. राग प्रभाती में किस किस भक्त साहिबान की बाणी दर्ज है ?

  • 1. भक्त कबीर जी
    2. भक्त नामदेव जी
    3. भक्त बेनी जी

1276. श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी का आखिरी राग कौन सा है ?

  • राग जैजावंती

1277. राग जैजावंती में किस गुरू साहिबान जी की बाणी दर्ज है, जो कि दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ साहिब जी ने लिखवाई थी ?

  • नौवें गुरू, श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की बाणी

1278. राग जैजावंती की बाणी श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी के किस अंग से किस अंग तक दर्ज है ?

  • अंग 1352 से 1353

1279. राग जैजावंती के गायन का समय क्या है ?

  • रात का दूसरा पहर

1280. काव्य रूप क्या है ?

  • गुरू साहिबान ने श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी में काव्य रूपों का विलक्षण स्वरूप पेश किया है। इनका असल भाव तो काव्य रूपों वाला है पर गुरू साहिबान जी ने बहुत ही खूबसूरत ढँग से इन्हें काव्य रूपों से अलग करते हुए इनका अध्यात्मिक प्रसँग स्थापित किया है और किसी खास नुकते की ओर सँकेत किया है। इनमें छोटी व बड़ी दोनों तरह की रचनाएँ हैं, जिनका मुख्य विषय अध्यात्मिक उपदेश है। इन बाणियों को हम विस्तारपूर्वक देखने का प्रयत्न करेंगे ताकि श्री गुरू ग्रँथ साहिब जी का पाठक सुखैन ढँग से इनके काव्य रूप प्रसँग को भी समझ सके और बाणी के भीतर समाये अर्थों से एकसुरता भी स्थापित कर सके। धर्म ग्रँथ बेशक सुखैन कार्य के रूप में स्थापित किया जाता है पर यह शब्द साधारण शब्द न होकर रहस्यात्मक शब्द होते हैं जिनमें गहरे अर्थ छिपे होते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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