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1601. गुरूद्वारा श्री टिब्बी साहिब, गँगसर जैतो, पर श्री गुरू गोबिन्द सिंघ साहिब जी कब आये थे ?

  • 1763 बिक्रमी (सन 1706)

1602. गुरूद्वारा श्री टिब्बी साहिब, गँगसर जैतो, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी से किस प्रकार संबंधित है ?

  • गुरू जी वैसाख महीने में कोटरपूरे से कूच करके 2 वैसाख 15 अप्रैल सोमवार को जैतो की जुह में पहुँचे। 19 अप्रैल 1706 मँगलवार को जब ग्रहण की पुन्निया का पुरब मनाया गया, तो गुरू जी ने जैतो गाँव से बाहर एक ऊची टिब्बी पर डेरा लगाया और सिक्खों को तीरंदाजी का अभ्यास कराया। शाम को रहिरास साहिब का पाठ किया और दीवान सजाया। दीवान की समाप्ति के बाद गुरूद्वारा गँगसर वाले स्थान पर गुरू जी ने विश्राम किया।

1603. 1924 के मोरचे के समय शहीद हुए सिंघो की याद में हर साल 10 फागुन वाले दिन बड़ी धूमधाम से शहीदी जोड़ मेला किस स्थान पर मनाया जाता है ?

  • गुरूद्वारा श्री टिब्बी साहिब जी, गँगसर जैतो

1604. गुरूद्वारा श्री बिबानगढ़ साहिब किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • सिटी फतेहगढ़ साहिब, जिला फतेहगढ़ साहिब (यह गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब के पिछली तरफ है)।

1605. गुरूद्वारा श्री बिबानगढ़ साहिब किस महत्वपूर्ण बात से संबंधित है ?

  • इस स्थान पर जोरावर सिंघ, फतेह सिंघ और माता गुजरी जी के पवित्र शरीरों को जालिमों द्वारा फिकवाया गया था।

1606. 1704 ई की जालिम मुगल सरकार ने बाबा जोरावर सिंघ और फतेह सिंघ को बड़ी बेरहमी के साथ शहीद कर दिया था। इसकी खबर ने माता गुजरी जी को किसने दी।

  • भाई मोती राम जी

1607. माता गुजरी जी के शरीर त्यागने पर, जालिमों ने पवित्र शरीरों को फतेहगढ़ साहिब के पीछे बहती हँसला नदी के किनारे जँगल में फैंक दिया। जिसमें भयानक आदमखोर जानवर रहते थे। इन जानवरों से शरीरों की रक्षा किसने की ?

  • एक बब्बर शेर ने 48 घण्टे तक

1608. गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब, जिला फतेहगढ़, किससे संबंधित है ?

  • यह वो पवित्र स्थान है, जहां पर दसवें गुरू श्री गुरू गोबिन्द साहिब जी के दो छोटे साहिबजादों को तसीहे दिये गये थे।

1609. सरहँद का फौजदार कौन था ?

  • वजीर खान

1610. गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने अनंदपुर साहिब का किला कब त्यागा था ?

  • 20 दिसम्बर, 1704 मध्यरात्रि में

1611. गुरू गोबिन्द सिंघ जी द्वारा, श्री अंनदपुर साहिब को छोड़ने पर उनके दो छोटे साहिबजादे बाबा जोरावार सिंघ जी और बाबा फतेह सिंघ जी जिनकी आयु 9 और 6 साल थी, किस नदी के किनारे बिछुड़ गये थे।

  • सरसा नदी के किनारे

1612. गुरू गोबिन्द सिंघ जी का रसोइया माता जी और दोनों साहिबजादों को अपने साथ किस स्थान पर ले गया था ?

  • ग्राम खेरी

1613. गुरू गोबिन्द सिघं जी के रसोइये का क्या नाम था ?

  • गँगू

1614. कुटिल गँगू ने माता गुजरी और साहिबजादों की खबर किसे दी ?

  • मोहिंडा में जाम खान और मान खान को

1615. माता गुजरी और साहिबजादों को गिरफ्तार करके किस स्थान पर लाया गया था ?

  • ठण्डा बुरज गुरूद्वारा, सरहँद

1616. साहिबजादों को वजीर खान के पास कब पेश किया गया ?

  • 24 दिसम्बर 1704

1617. साहिबजादों को क्या लालच दिया गया, जिससे वो इस्लाम कबूल कर लें ?

  • साहिबजादों को लालच दिया गया कि तुम इस्लाम कबूल कर लो, तो बहुत सारी धन-दौलत देंगे, साहिबजादों की तरह रखेंगे। लेकिन साहिबजादे किसी भी तरीके से इस्लाम कबूल करने के लिए राजी नहीं हुए।

1618. वजीर खान ने श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी के दोनों साहिबजादे, जोरावर सिंघ और फतेह सिंघ जी के लिए क्या हुक्म जारी किया ?

  • दीवार में चिनवाने का हुक्म

1619. साहिबजादे, जोरावर सिंघ जी व फतेह सिंघ जी को कब दीवारों में चिनवाकर शहीद किया गया था ?

  • 26 दिसम्बर (13 पौह, पौष) 1704

1620. गुरूद्वारा श्री ज्योति सरूप साहिब किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • टाउन फतेहगढ़ साहिब, फतेहगढ़ मोहाली रोड, जिला फतेहगढ़ साहिब

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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