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1621. गुरूद्वारा श्री ज्योति सरूप साहिब इतिहास से क्या संबंध रखता है ?

  • यह वो पावन पवित्र स्थान है, जहां पर माता गुजरी जी और दोनों साहिबजादे, जोरावर सिंघ जी और फतेह सिंघ जी का शहीदी के बाद सँस्कार किया गया था।

1622. माता गुजरी और साहिबजादों का अन्तिम सँस्कार किसके द्वारा किया गया ?

  • भाई टोडरमल जी

1623. भाई टोडरमल जी को माता गुजरी और साहिबजादों का अन्तिम सँस्कार करने के लिए जमीन किस प्रकार मिली ?

  • सोने की मोहरें खड़ी करके (जितनी जमीन पर सँस्कार होना था, उतने स्थान पर सोने की मोहरें खड़ी करके)

1624. सँसार का सबसे महँगा अन्तिम सँस्कार कौनसा है ?

  • माता गुजरी और साहिबजादों का अन्तिम सँस्कार

1625. गुरूद्वारा श्री ठण्डा बुरज साहिब जी किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • शहर फतेहगढ़ साहिब (यह गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के साथ जुड़ा हुआ है), जिला फतेहगढ़ साहिब

1626. गुरूद्वारा श्री ठण्डा बुरज साहिब का सिक्ख इतिहास से क्या संबंध है ?

  • इस ऐतिहासिक स्थान पर दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंघ जी, बाबा फतेह सिंघ जी और माता गुजरी को जालिम हुकुमत ने पोह के महीने में कड़कती सख्त ठण्ड में तीन दिन ठण्डे बुरज में रखा, आखिरकार जालिम हुकुमत ने 13 पोह (26 दिसम्बर) को दोनों साहिबजादों को जिन्दा दीवार में चिनवाकर शहीद कर दिया। जब माता गुजरी जी को शहादत के बारे में पता लगा तो उन्होंने परमात्मा का शुकराना किया। इसके बाद माता गुजरी जी ने भी अपना शरीर त्याग दिया।

1627. गुरूद्वारा श्री शहीदगँज साहिब जी किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • सिटी फतेहगढ़ (यह, गुरूदारा श्री फतेहगढ़ साहिब जी के साथ ही जुड़ा हुआ है), जिला फतेहगढ़

1628. गुरूद्वारा श्री शहीदगँज साहिब जी का सिक्ख इतिहास से क्या संबंध है ?

  • यह वो पवित्र स्थान है, जिस समय बाबा बन्दा सिंघ बहादुर जी ने फतेह की, उस समय छै हजार (6000) सिंघों का सँस्कार इस स्थान पर 1 जेठ संमत् 1767 बिक्रमी (सन 1710) में किया गया।

1629. गुरूद्वारा श्री गोबिन्दगढ़ साहिब जी किस स्थान पर सुशोभित हैं ?

  • ग्राम रानवा, मैन चण्डीगढ़-लुधियाना रोड, जिला फतेहगढ़ साहिब

1630. गुरूद्वारा श्री गोबिन्दगढ़ साहिब जी किस, किस गुरू से संबंधित है ?

  • छठवें श्री गुरू हरगोबिन्द साहिब जी और दसवें श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी

1631. गुरूद्वारा श्री गोबिन्दगढ़ साहिब, छठवें गुरू हरगोबिन्द साहिब जी से किस प्रकार से संबंधित है ?

  • गुरू जी ने मेहराज की जँग (सिक्ख इतिहास का तीसरा युद्ध) के बाद मालवे की यात्रा के समय 22 वैसाख बिक्रमी 1689 (सन् 1632) में इस स्थान को अपने चरणों से पवित्र किया।

1632. गुरूद्वारा श्री गोबिन्दगढ़ साहिब, दसवें गुरू गोबिन्द सिंघ जी से किस प्रकार से संबंधित है ?

  • दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ की महाराज ने 1759 बिक्रमी (सन् 1702) में कुरूक्षेत्र से वापसी के समय इस स्थान को अपने चरणों से पवित्र किया।

1633. गुरूद्वारा श्री अचल साहिब किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • बटाला-जालँधर रोड, (यह बटाला से केवल 7-8 किलोमीटर पर है), जिला गुरदासपुर

1634. गुरूद्वारा श्री अचल साहिब किस, किस गुरू से संबंधित है ?

  • पहले गुरू नानक देव जी और छठवें गुरू हरगोबिन्द साहिब जी

1635. गुरूद्वारा श्री अचल साहिब, श्री गुरू नानक देव जी से किस प्रकार से संबंधित है ?

  • यह वो पावन पवित्र स्थान है, जिस स्थान पर जोगी बँगरनाथ के साथ पहले गुरू, श्री गुरू नानक देव जी ने ज्ञान की बातें की थी। गुरू जी की ज्ञान पूरन बातें सुनकर जोगी का सिर श्री गुरू नानक देव जी के आगे नतमस्तक हो गया। गुरू जी ने इस स्थान से एक कीकर का पेड़ दातुन के लिए तोड़ा, लोगों ने कहा कि, गुरू जी यह पेड़ जहरीला है। गुरू जी ने लोगों से पुछा कि आप किस तरह का पेड़ चाहते हो, सबने कहा कि हम फल वाले पेड़ चाहते हैं। गुरू जी ने वर दिया कि इस पेड़ पर सारे साल मीठे फल लगेंगे।

1636. गुरूद्वारा श्री अचल साहिब, छठवें गुरू हरगोबिन्द साहिब जी से किस प्रकार से संबंधित है ?

  • इस स्थान पर छठवें गुरू, श्री गुरू हरगोबिन्द साहिब जी अपने सुपुत्र बाबा गुरदित्ता जी के विवाह के लिए आए थे।

1637. गुरूद्वारा श्री चोला साहिब जी किस स्थान पर सुशोभित है ?

  • डेरा बाबा नानक टाउन, जिला गुरदासपुर

1638. गुरूद्वारा श्री चोला साहिब जी किस गुरू से संबंधित है ?

  • पहले गुरू, श्री गुरू नानक देव जी

1639. गुरूद्वारा श्री चोला साहिब जी का पहले गुरू, श्री गुरू नानक देव जी से क्या संबंध है ?

  • यह वो पवित्र स्थान है, जिस स्थान पर श्री गुरू नानक देव जी के पवित्र चोले साहिब के दर्शन करवाए जाते हैं।

1640. बलख बुखारे से ये पवित्र चोला श्रद्वा के साथ सबसे पहले गुरूद्वारा श्री चोला साहिब जी वाले स्थान पर किसने स्थापन किया।

  • बाबा काबलीमल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
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