SHARE  

 
jquery lightbox div contentby VisualLightBox.com v6.1
 
     
             
   

 

 

 

381. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की शहीदी किस प्रकार से हुई ?

  • उनके पवित्र शीश (सिर) को उनके पवित्र धड़ से अलग करके यानि कि शीश (सिर) काटकर।

382. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की शहीदी कब और कहाँ पर हुई ?

  • 11 नबम्बर, 1675 ईस्वी, चाँदनी चौक, दिल्ली।

383. वो कौन सा गुरूद्वारा साहिब जी है, जिस स्थान पर श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की शहीदी हुई थी ?

  • गुरूद्वारा श्री सीसगँज साहिब जी, चाँदनी चौक, दिल्ली

384. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पवित्र शरीर का अन्तिम सँस्कार किसने किया था ?

  • भाई लक्खी शाह

385. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पवित्र शरीर का सँस्कार जिस स्थान पर किया गया था, वहाँ पर कौनसा गुरूद्वारा साहिब जी है ?

  • गुरूद्वारा श्री रकाबगँज साहिब जी

386. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पवित्र "शीश (सिर)" को श्री अनंदपुर साहिब जी लेकर कौन पहुँचा ?

  • भाई जैता जी

387. श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पवित्र शरीर का सँस्कार भाई लक्खी शाह ने किस प्रकार किया ?

  • अपने घर में आग लगाकर

388. उस गुरूद्वारा साहिब जी का क्या नाम है, जिस स्थान पर श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पवित्र शीश (सिर) का अन्तिम सँस्कार किया गया था ?

  • गुरूद्वारा श्री सीसगँज साहिब जी, श्री अनंदपुर साहिब जी

389. किसने दिल्ली में गुरूद्वारा श्री रकाबगँज साहिब जी और गुरूद्वारा श्री सीसगँज साहिब जी का निर्माण करवाया ?

  • सरदार भागल सिंह (बघेल सिंघ), 1790 ईस्वी

390. भाई मक्खन शाह लुभाना ने ग्राम बाबा बकाले में श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी की यानि असली गुरू की खोज कैसे की ?

  • भाई मक्खन शाह लुभाना एक व्यापारी था, वो पानी के जहाज में सामान ले जा रहा था, उसे तुफान ने घेर लिया। उसने श्री गुरू नानक देव जी को याद करके अरदास की, कि हमें इस मुसीबत से बचा लें, तो हम 500 दीनार गुरू साहिब जी के चरणों में भेंट करेंगे। जब वो सही सलामत पहुँच गये तो वायदे के अनुसार बाबा बकाला 500 दीनार देने गये। वहाँ पर जाकर देखा तो बहुत सारे गुरू थे, फिर असली गुरू की पहिचान कैसे हों। उसने एक तरीका निकाला, वो हर गुरू के पास जाकर 2 दीनार देता, अगर वो गुरू कुछ न कहते तो अगले गुरू के पास पहुँच जाता, लेकिन जब उसने श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी के पास पहुँचकर 2 दीनार भेंट की, तो गुरू जी बोले कि वायदा तो 500 दीनार का था, लेकिन 2 की दीनार दे रहे हो। मक्खन शाह ने जब ये सुना तो असली गुरू को सामने पाकर जोर-जोर के चिल्लाने लगा– गुरू लादो रे, गुरू लादो रे, यानि गुरू मिल गया।

391. दसवें गुरू, श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी का जन्म कब हुआ ?

  • 22 दिसम्बर, 1666

392. श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी का जन्म किस स्थान पर हुआ ?

  • श्री पटना साहिब

393. श्री पटना साहिब, जो कि गुरू गोबिन्द सिंघ जी का जन्म स्थान है, इसे किसमें गिना जाता है ?

  • यह 5 तखतों में से एक है

394. श्री हरिमन्दिर साहिब जी, पटना का निर्माण किसने करवाया था ?

  • महाराजा रणजीत सिंघ जी

395. श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी के पिता जी का क्या नाम था ?

  • श्री गुरू तेग बहादर साहिब जी

396. श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी की माता जी का क्या नाम था ?

  • माता गुजरी जी

397. किस फकीर ने यह जानने के लिए कि शिशु गुरू गोबिन्द सिंह हिन्दु सम्प्रदाय का पक्षधर होगा अथवा मुस्लिम सम्प्रदाय का। इस बात की परीक्षा लेने के लिए उसने दो कुल्हड़ लिए, एक में दुध और दुसरे में पानी। अगर बालक गोबिन्द सिंह दुध वाले कुल्हड़ पर हाथ रखता है, तो हिन्दु और यदि पानी वाले कुल्हड़ पर हाथ रखता है तो मुस्लमान सम्प्रदाय का पक्षधर होगा, लेकिन बालक ने तो दोनों कुल्हड़ों पर हाथ रख दिया। इसका अर्थ यह मानवता का पक्षधर होगा ?

  • सूफी फकीर भीखन शाह

398. श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी को किस राजा द्वारा पाँच बढ़िया नस्ल के घोड़े भेंट किये गये ?

  • राजा राम सिंघ

399. "मसँद" शब्द का अर्थ क्या है ?

  • "मसँद" शब्द अरबी के मसनद शब्द के बना है, जिसका भाव है– तकिया, गददी, तखत अथवा सिँहासन।

400. गुरू घर के अनुसार "मसँद" कौन थे ?

  • वह मनुष्य जो गुरूगद्दी पर विराजमान सतगुरू जी का प्रतिनिधि नियुक्त हुआ हो ?

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
     
     
            SHARE  
          
 
     
 

 

     

 

This Web Site Material Use Only Gurbaani Parchaar & Parsaar & This Web Site is Advertistment Free Web Site, So Please Don,t Contact me For Add.